plasma cutting machinery-प्लाज़्मा टेक्नोलॉजी क्या होती है

Plasma cutting machinery

INTRO :-

आपको पता  ही होगा की जिस यूनिवर्स मे हम रहते है उसमे सब चीज जो भी हम देखते या महसूस भी करते है वो सब चीज (MATTER) एक पदार्थ से बानी होती है और आगे उस पदार्थ की भी 4 किस्मे होती है । 1 ठोस 2 तरल 3 गैस 4 प्लाज्मा तो ये एक पदार्थ की चौथी स्टेट होती है । और ये तब बनती है जब हवा को अचानक इतना गर्म किया जाये की उसके इलेक्ट्रान टूटकर बिखरना शुरू हो जाये  इसी चौथी स्टेट से ही हमारे यूनिवर्स मे सरे स्टार यानि तारे बने है । हमे इसके लिए कुछ खास नहीं करना है बस हवा को अचानक 2000 डिग्री सेल्सियस पर गर्म करना है । जो की अचानक सिर्फ इलेक्ट्रिसिटी से ही संभव हो सकता है ।    और आजकल हम इसका प्रयोग करके मशीन भी बनाने लगे है जो की लोहे की कटायी करने मे तथा उसे वेल्ड यानि जोड़ने के काम आती है  । आधुनिक युग मे इसका प्रयोग बढ़ता ही जा रहा है । क्योकि इसकी काम करने की रफ़्तार बोहत होती है और से बाकि दूसरे उपायों की तुलना मे काफी सस्ता भी पड़ता है .

पिरिंसिपल ऑफ़ प्लाज्मा टेक्नोलॉजी  :-

प्लाज्मा हो अर्टिफिशलय तरीके से पॉसिबल करना आसमानी बिजली जो हमे दिखती है उसे देखकर बनाया गया है । इसको  dc करंट का प्रयोग करके बनाया जाता है । जैसा की आप जानते है । dc करंट मे दो तार का प्रयोग होता है । 1 नेगटिव तथा दूसरा पोस्टिव और आप इस नोज़ल चित्र को देखकर समझेंगे की हम प्लाज़्मा जेट किस प्रकार बना सकते है । इसमें हमारा जो वर्कपीस होता है जिसे हमें काटना होता है । उसको पोस्टिव वोल्टेज से कनेक्टेड रखा जाता है । और जो  नोज़ल का इलेक्ट्रोड होता है उसको नेगटिव वोल्टेज से जोड़ा जाता है । और इन दोनों के बीच मे बोहत कम स्पेस छोड़ा जाता है । जिससे की इसकी मक्सीमॉम वोल्टेज पर इसमें जैसे ही एयर अंदर आये तो आरक निकलना शुरू हो जाये । इसमें वोल्टेज और करंट बढ़ने पर जैसे ही एयर अंदर इंटर करती है और तभी वो एलेक्ट्रोनो के संपर्क मे आते ही इतनी जयदा गर्म हो जाती है की प्लाज़्मा मे बदल जाती है । और वो प्लाज़्मा । जेट के 1mm वाले छिदर से विस्फोट के से 

plasma cutting machineryबहार निकल दी जाती है

 

उसका टेम्प्रेचर करीबन 5 हज़ार डगरी सेल्सियस रहता है । जिसे ही वो किसी भी चीज से टकराएगी उसका 2 मिलीसेकंड मे पिघलना तो तय है । तो इस प्रकार हम प्लाज़्मा कटर बनाते है  । आपको यह जानकर भले ही अटपटा लगे की हमने जिंदगी मे कभी न कभी प्लाज़्मा बनाया होता है , जो बिलकुल कामचोर है उन्होंने भी देखा तो जरूर होगा । क्युकी कही भी बड़े बिजली के खम्बो पर तर जब ढीली हो जाती है तो स्पार्किंग करने लगती है वो स्पार्किंग जो होती है वो ही प्लाज़्मा है । कई बार हमारे घर मे भी स्पार्किंग होती है । ये घर वाली स्पार्किंग बोहत खतरनाक होती है क्युकी ये हाई वोल्टेज की होती है इससे हमे बचना चाहिए । प्लाज़्मा को वीडियो के माध्यम से समझने के लिए यहाँ क्लिक करे ।

एक बेहतर प्लाज़्मा कटर :-

जब भी हम कोई ऐसी चीज बनाते है

plasma cutting machinery
plasma cutting machinery

जो जी 2d वर्क करती है । उसको सटीक और ऐक्युरट बनाना होता है अगर हम अपने हाथ से पकड़कर किसी वर्कपीस को कट करेंगे तो वो हाथ हिलने की वजह से टेढ़ा मेधा कट सकता है । और अगर गलती से वो हमारे शरीर के संपर्क मे आ गया तो समझो काम ख़तम क्युकी ये बोहत डेंजर होता है । इसकी नोज़ल से निकला हुआ प्लाज़्मा का तापमान लगभग 3000 डिग्री से 20000 डिग्री तक हो सकता है ।  तो इसके लिए हमारे पास एक बेहतर उपाए है वो cnc सर्वो ड्राइव होती है जो की इतनी सटीक होती है । की वो अपनी एक रोटेशन मे 3600 pulas निकालती है । जैसे की फोटो मे दिखाया गया है ये एक फुल्ली ऑटोमैटिक कम्प्यूटर कण्ट्रोल प्रोग्राम होता है जो की हमारी प्लाज़्मा नोज़ल को इधर उधर मूवमेंट करने के लिए एक बेहतर तरीका है क्युकी ये इतना सटीक काम करता है की की आप इससे कुछ भी लिखवा सकते हो मनचाहा आकर मे कोई भी चित्र कटवा सकते हो । और ये सबसे जयदा अच्छा सुरक्षा के नजरिये से भी है क्यकि इसमे इसको चलने वाला काफी दूर खड़ा रहता है इसका कण्ट्रोल पैनल बोहत दूर होता है । और ये 2 इंच तक की ही शीट को काट सकता है । अगर इससे जैड़ा मोटा हमें कटना है तो वाटर जेट अच्छा ऑप्शन है । वाटर जेट के बारे मे पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करे 

एडवांटेज एंड डिसअडवांटेज  :-

 

एडवांटेज

डिसअडवांटेज

ये मशीन लेज़र कटिंग से सस्ती होती है । इसकी सबसे बड़ी कमजोरी इसकी नोज़ल बोहत अधिक खराब होती है ।

इसको आप कम्प्रेशर की हवा से भी चला सकते हो ।

इसकी कटाई जयदा मे सफाई नहीं होती ।
ये गैस कटर की तुलना मे काफी फ़ास्ट होती है । इसकी मशीन को रखने के लिए जयदा स्पेसिंग चाहिए ।
ये मोटी चादर को भी आसानी से काट सकती है । इसकी इलेक्ट्रिसिटी खपत जयदा होती है । अगर लैसर कटर से तुलना की जाये तो ।

 

conclusion  :-  

जैसा की आप जानते है की हमारा मकसद केवल आपको इसका वर्किंग प्रिंसिपल बताना है की ये किस प्रकार काम करता है । और इसको बनाया कैसे गया । यह पदार्थ की चौथी स्टेट होती है । प्लज़मा एक प्रकार की अधिक गर्म गैस होती है जिसमे इलेट्रोन्स मे विस्फोट होता है और ये स्पार्क उत्पन करते है जैसे गैस प्रेशर से साथ अंदर आती है । अधिक घर्षण और स्पार्क के कारण गर्म होकर प्लाज़्मा मे बदल जाती है और वो बहार निकलने का रास्ता ढूंढते हुए नोज़ल से बहार निकल कर हमरे वर्कपीस को काट देती है इससे हम सभी धातु काट सकते है पीतल ताम्बा एल्युमीनियम लोहा मिशर धातु आधी . .

FAQ :-

Q :- प्लाज्मा आर्क कटिंग का उद्देश्य क्या है?
 
Q :- प्लाज्मा कटर चलाने के लिए क्या आपको गैस चाहिए?
Spread the love

Leave a Comment