माइक्रोवेव टेक्नोलॉजी
माइक्रोवेव टेक्नोलॉजी क्या है । आज के टाइम में माइक्रोवेव हर किचन की जान होता जा रहा है । और आजकल जल्दी खाना पकाने का सबसे अच्छा माध्यम है । माइक्रो वेव के दाता पर्सी स्पेंसर को मना जाता है इन्होने सन 1946 में इसकी खोज की थी । ये रेडियो टेक्नोलॉजी पर काम करते हुए गलती से माइक्रोवेव की खोज हो गयी थी । वो जब रेडियो टेक्नोलॉजी पर काम कर रहे थे । उनको ऐसा लगा की उनके चैम्बर में पड़ी कैंडी गर्म हो रही है । तो इस तरह उन्होंने माइक्रोवेव की खोज की । उसके बढ़ उसमे काफी सुधार किये गए और आज हम एक परफेक्ट माइक्रोवेव को इस्तिमाल कर रहे है
प्रिंसिपल ऑफ़ माइक्रोवेव -principal of microwave
माइक्रोवेव का मतलब हिंदी में सूक्ष्म तरंग होता है । अब हम आते है अपने मैं टॉपिक पर जब भी 2 या उससे अधिक इलेक्ट्रॉन्स में घर्षण होता है तो उससे हीट निकलती है जो हमारे खाने को गर्म कर देते है ये इसका महत्वपूर्ण प्रिंसिपल है par ऐसा खाने के केस में कैसे पॉसिबल है तो हम आपको बताते है की ये एक प्रकार की इलेक्ट्रोमग्नेटिक वेव होती है जो खाने के अंदर पानी होता है उसमे इलेक्ट्रो मैग्नेटिक इंडक्शन होता है जिससे उसमे बाहत काम मात्रा में बिजली बनती है जो की आपसे में शार्ट सर्किट हो कर गर्मी पैदा करता है। जो लोग इलेक्ट्रिकल लाइन से है उनको तो पता होगा की इंडक्शन किसे कहते है
इंडक्शन -induction
इंडक्शन एक ऐसा फार्मूला होता है । जिअसे हम बिना किसी वायर को कनेक्ट किये अपने उपकरण को चला सकते है । इस विधि पर ही सभी प्रकार के इलेक्ट्रिक ट्रांसफार्मर काम करते है । पर इसमे एलेक्ट्रोमैग्नेट एक मतल कर में बनता है जो की बौह्त काम फ्रीक्वेंसी 50hz से 500hz तक ही काम कर पते है पर माइक्रोवेव मे ये फ्रीक्वेंसी बोहत हाई होती है । 400mhz से 300ghz तक जिससे हमरे माइक्रोवेव मे पड़े खाने मे वाटर मॉलिक्यूल मे अधिक घर्षण होता है । और उससे हीट निकलती है और हमारा खाना पाक जाता है ।
मेकिंग ऑफ़ माइक्रोवेव – making of microwave
माइक्रोवेव बनाने के लिए सबसे जरुरी चीज जो है वो मैग्नेट्रॉन है। जो की शुक्ष्म तरंग को बनता है जिससे हमारा कहना पकता है ।
और इसकी वेव लेंथ यानि फ्रीक्वेंसी को कम या अधिक करने के लिए एक कैपेसिटर सर्किट को लगाया जाता है जिससे उचित टेम्प्रेचर का चुनाव किया जा सके । और इसके साथ एक इलेक्ट्रॉनिक टाइमर सर्किट का भी इस्तिमाल किया जाता है । जिससे दिए हुए उचित समय के बाद ये ऑटो कट हो जाये और खाना अधिक गर्म होकर जल न जाये और सबसे जरुरी बात जो सबसे इंपोर्टेंट है वो इसका चैम्बर होता है यानि की इसकी बॉडी । क्युकी स्की लाबाई और चौड़ाई एक निश्चित दुरी पर होती है जिसे मैग्नेट्रान के दुवारा चैम्बर मे फंकी गयी फ्रीक्वेंसी लगातार चलती राजे। क्योकि ये फ्रीक्वेंसी टकराव के बाद आने वाली फ्रीक्वेंसी मे 180 डिग्री का अंतर होना चाहिए तभी इसका एम्पलीटूड सामन्तर कर्य रहेगा और माइक्रोवेव बिना किसी लूज़ के करिया कर सकेगा
बेहतर माइक्रोवेव
जब शुरुआत समय में माइक्रोवेव मे खाना बनाया गया तो उसमे बने कहने में एक सबसे बड़ी समस्या थी वो ये की उसमे स्पॉट्स आ रहे थे । यानि के कही से खाना अधिक पक जाता था तो कहि से कच्चा रह जाता था जिससे तो इंजीनियरिंग को इस प्रॉब्लम को समझने मे ही 2 साल का समय लग गया । वो इस कारन हो रहा था माइक्रोवेव मे मैग्नेट्रान से छोड़ी गयी तरंग जब टकराकर वापिस आती थीं तो वो निश्चित एंगल पर बेंड हो जाती और कहने मे एक ही जगह अधिक इलेक्ट्रान घर्षण पैदा जो जाता जिससे खाने पर हॉट स्पॉट बन जाते
हल :- इंजीनियर काफी सोच विचार कर एक रोटरी बेस बनाया जिससे हमारा खाना रोटेट करता रहे ऐसा करने से खाने में एक जगह हॉट स्पॉट बनाने बंद हो गए और मिशन सफल हो गया ।
क्या माइक्रोवेव का बना खाना सेहत के लिए नुकसान दायक होता है ।
तो इसका एक टूक जवाब है जी नहीं क्युकी उसमे रेडिएशन तब तक ही रहता है जब तक वो चैम्बर मे है माइक्रोवेव से बहार आये ही उसमे न तो किसी प्रकार का रेडिएशन होता है और न ही कोई विषला तत्व । इसकी तरंग सिर्फ माइक्रोवेव तक ही सिमित रहती है । अगर आप वीडियो के माध्यम से समझना चाहते है तो क्लिक करे ।
conclusion :-
हमे ऊपर पढ़ने पर ये तो समझ आ गया की इसका मुख्या एलिमेंट मैग्नेट्रानहै । तो हम बात मैग्नेट्रान की ही करेंगे मैग्नेट्रान एक ऐसा ऑसिलेशन सर्किट होता है जो की एक इंडक्टर और कैपेस्टर से बना होता है और चारो और परमानेंट मैगनेट रखा जाता है जिसके अंदर स्लॉटिंग प्रिक्रिया से उसे और बेहतर बनाया जाता है और इंडक्टर और कैपेसिटर में जब विधुत धरा प्रवाहित करने पर ये एलेक्ट्रोमग्नेटिक वेव प्रोडूस करता है । इस प्रकार एक मैग्नेट्रान कार्य करता है । जिसका इस्तिमाल हम खाना पकने के साथ साथ रोबोट और मिल्ट्री स्टेशन में भी करते है राडार मुख्यता मैग्नेट्रोनस की ही देन है । जिसका इस्तिमाल वायुसेना करती है । अपने दुश्मन के जहाज़ या मिसाइल को ट्रैक करने के लिए ।

FAQ :-
Q-1:-माइक्रोवेव ओवन में क्या अंतर है?
1 thought on “pricipal of microwave technology प्रिंसिपल ऑफ़ माइक्रोवेव टेक्नोलॉजी”