wireless charging system
इंट्रो :-
वायर लेस्स चार्जिंग एक प्रकार की ऐसी बैटरी चार्जिंग टेक्नोलॉजी है जिसमे बिना कोई वायर का इस्तमाल किये हम किसी भी उपकरण को चार्ज कर सकते है । इसमें किसी भी प्रकार का जेक या प्लग लगाने की कोई जरुरत नहीं होती है । इस के स्पेशल एरिया होता है जैसे ही वो उपकरण जिसे हमे चार्ज करना वो जैसे ही उस स्पेशल जरिये मे एंटर करता है । उसमे चार्जिंग स्टार्ट जाती है । और ऐसे सिस्टम आज कल मोबिल टैब्स मे देखने को मिल रहा है आपको ये जानकर आश्चर्या होगा की ये जो सिस्टम आपको नया लग रहा है । असल मे ये नया नहीं है । इसको लगभग 100 साल पहले ही खोज लिया गया है । क्युकी इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग मे बोहत से ऐसे उपकरण है जो की इस प्रिंसिपल पर पहले से काम कर रहे है । ये जिस प्रिंसिपल पर काम करता है उसे हम एल्क्ट्रोमग्नेटिक इंडक्शन कहते है । इसके बारे मे हम आपको विस्तार से बतायेगे ।
मुख्या :-
सबसे पहले आपको ये जानना बोहत जरुरी है । की इंडक्शन की खोज किसने की और ये कब से चला आ रहा है ।kisne ये नियम बनाया जिसके आधार पर हम एल्क्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स मे इतने आगे निकल गए है । तो उनका नाम था Michael Faraday / माइकल फैराडे इनका जन्म 22 सितंबर 1791 ई. को हुआ इन्होने कई तरह के नियम हमे दिए है और उन्हें कालूकुलेशन से सिद्ध भी किया है तो इनके सभी नियमो को इनका नाम ही दिया गया है ।
Faraday’s First Law फैराडे का पहला नियम :-

:- जब किसी मेटल को चुंबकीय क्षेत्र मे मे घुमाया जाता है । तो उस मेटल मे एल्क्ट्रोन फ्लो होने लग जाते है मतलब उसमे विद्युत् ( बिजली ) पैदा हो जाती है । और इसी सिदांत पर हमारा जनरेटर और अल्टरनेटर काम करता है । इसमें जरुरी होता है । फ्लक्स को कट कराना जो की किसी भी मगनत से निकली हुए मैग्नेटिक तरंगे होती है । और ये मैग्नेट के चुंबकिये क्षेत्र मे ही पायी जाती है ।
प्रिंसिपल ऑफ़ वायर लेस्स चार्जिंग :-

wireless charging system सीधे से शब्दों मे अगर कहा जाये तो इसका मुख्या सिद्धांत एल्क्ट्रो मैग्नेटिक इंडक्शन है जो की सिर्फ अलटरनैटिक सप्लाई मे ही पॉसिबल हो पता है ये एक प्रकार की ऐसी प्रिक्रिया है । जिसमे एक तार से हम दूसरी तार मे बिजली को आसानी से भेज सकते है वो भी बिना किसी कनेक्सन के इसमें दो इंडक्शन कोइल है जिसमे पहली को अल्टर्नेटिक करंट से जोड़ा हुआ है तथा दूसरी कोइल को उसके पास मे रखा गया है जैसे ही पहली कोइल मे करंट जाता है तो वो अपने चारो और एक प्रकार के मैग्नेटिक एरिया बना लेता है जिसमे एलेक्ट्रोमग्नेटिk फ्लक्स घूमते रहते है और ये फ्लक्स जब दूसरी कोइल से टकराते है तो उसमे बिजली पैदा कर देते है । और उनके दोनों टर्मिनली से हम आउटपुट ले सकते है । ऐसा ही सिद्धांत माइक्रोवेव का होता है । जो की एल्क्ट्रोनो से हमारे खाने को गर्म कर सकता है माइक्रोवेव के प्रिंसिपल को जानने के लिए यहाँ क्लिक करे
canclusion :-
आज के समय मे मोबइल और तब को वायरलेस चार्जिंग की और तेजी से बढ़ाया जा रहा है । जिसमे एक प्रकार का चार्जिंग पैड होता है । जिस पर हम जैसे ही अपना फोन या टैब रखते है वो चार्ज होना शुरू हो जाता है , इसमें जो चार्जिंग पेड होता उसमे प्राइमरी कोइल होती है जो की पावर सोर्स से कनेक्टेड रहती है तथा दूसरी और जो हमारा मोबाइल होता है उसमे आउटपुट कोइल होती है और जैसे ही वो दोनों नजदीक आते है है मोबाइल चार्ज होना शुरू हो जाता है । वीडियो के माध्यम से समझने के लिए यहाँ क्लिक करे
FAQ :-
Q :- वायरलेस चार्जिंग के क्या फायदे हैं?