प्रिंसिपल ऑफ़ वाटर जेट कटिंग
intro:-
वाटर जेट मशीन एक प्रकार की कटिंग मशीन होती जो बिना किसी ब्लेड या कटर के किसी भी मेटल को काटने की क्षमता रखती है और इसका इस्तिमाल न केवल मेटल बल्कि मार्बल पत्थर अदि को काटने के लिए किया जाता है । इसमें एक हाई प्रेशर वाटर बीम जब किसी मेटल से टकराती है तो घर्षण के कारन मटीरियल कटना शुरू हो जाता है
प्रिंसिपल :- 
जैसा की आपको फोटोग्राफ में दिखाया गया है इसका मुख्या पार्ट पंप होता है । और इसका वर्किंग नोसल जेट के प्रेशर पर निर्भर करता है । इसमें सबसे पहले वाटर कंटेनर होता है जो की वाटर सोर्स है वहा से पानी को एक पाइप के माध्यम से पंप के साथ कनेक्ट किया जाता है यह एक स्पैशल पंप होता है इसे काम करने के लिए मोटर तथा हैड्रोलिक प्रेशर की भी जरुरत पड़ती है जिससे इसकी एफिशंसी 100 गुना बढ़ जाती है पंप की आउटपुट को अक्सुमुलेटर से होते हुए कण्ट्रोल वाल्व तक पहुँचता है को की ह्यड्रोलिक सेक्शन को फीडबैक देता है उसके बाद रेगुलेटर के द्वारा हम प्रेशर को काम या जैड़ा क्र सकते है और फिनॉय ये नोज़ल में पेनस्टॉक से बहार निकल जाता है । जैसे ही ये हाई प्रेशर बीम मटीरियल की संपर्क में आता है तो वहा से कटिंग होना शुरू हो जाता है लेकिन अभी भी इसमें कुछ कमी होती है जिसे हम निचे समझेंगे .
एक बेहतर वाटर जेट कटिंग :-
आपको यह जानकर शयद आश्चर्या होगा जी जो भी आपने ऊपर पढ़ा अगर वैसा आप अपने से कोई मशीन बना लेते हो तो वो काम नहीं करेगी क्युकी इस प्रकार की मशीन इतनी स्लो होती है की आपको 2 इंच का टुकड़ा काटने में 5 दिन लग जायेगे । तो आपको विस्तार से बताते है की
जब भी वाटर मटीरियल के कॉन्टेक्ट में आता है तो उसमे उतना घर्षण नहीं हो पता की वो किसी मटीरियल को सटीक अथवा जल्दी काट सके उसको बेहतर बनाने के लिए हमे उसमे सैंड मिलाना पड़ता है । जिससे वो एक हार्ड पत्थर की तरह कार्य करता है । पानी के साथ मिलकर हाई काइनेटिक एनर्जी के साथ जब मेटल से टकराता तो बोहत ही फिनिशिंग के साथ उसको ग्राइंड कर देता है । और इस प्रिक्रिया से इसकी काटने की एफिसिन्सी इतनी बढ़ जाती है की ये 5 इंच तक की प्लेट को आसानी से काट देता है। और इसकी स्पीड 1000 गुना तक बढ़ जाती है । और इसमें सिमल सैंड का प्रयोग नहीं किया जाता इसके लिए स्पेशल रेत आता है उसी का प्रयोग किया जाता है । इसके साथ इसका सटीक साइज मे काटने के लिए हमे इसकी नोसल को cnc मशीन से कनेक्ट करना पड़ता ही जो इसके साइज को ऐकोरट बनता है और 1 मिलीमीटर भी साइज नहीं हिलता ये एक रोबोट की तरह कार्य करता है cnc की सबसे बड़ी कम्पनी के बारे मे जानने के लिए यहाँ क्लिक करे ।
सैंड यानि स्पेशल रेत :-
जिस रेत का हम वाटर हम वाटर जेट माँ उपयोग करते है । अगर उसे माइक्रोस्कोप में देखा जाये तो ये रेत के जो कण होते है वो गोल न होकर के तिकोने चौकोर शार्प होते है जिस से जैसे ही ये हाई प्रेशर के साथ जॉब पीस से टकराते है तो उसको काटना शुरू कर देते है । आपको शायद ये नहीं पता होगा की इसी कारण इसकी कॉस्ट बोहत होइ हो जाती है । क्युकी इसे री साइकल नहीं किया जा सकता और ये 1 दिन में बोरिया के हिसाब से लगता है जो इसकी राणिनिग कॉस्ट को काफी बढ़ा देता है ।।
स्पेशल नोज़ल पेन स्ट्रोक :-
वाटर जेट की कटाई के दौरान अपने ये भी नोटिस किया होगा । की जो इसकी नोज़ल होती है वो बोहत हार्ड होती है जो इतने प्रेशर को बर्दास्त कर रही होती है । सामन्यता इसे टंगस्टन कार्बाइड में बनाया जाता है । जो की काफी सस्ता होता है । लेकिन ये जैसा हाई प्रेशर करने पर खराब हो जाता है और कुछ टाइम ही चलता है जिससे हमे अगर कोई हार्ड मेटल काटना पड़े तो हमें प्रेशर भी हाई करना पड़ेगा जिससे कार्बाइड की बानी नोज़ल खराब हो जाती है । जिस कारण हम डायमंड की बानी नोज़ल का प्रयोग करते है । जो की काफी हार्ड होती है और लाइफ काफी मिल जाती है . अलग अलग मटीरियल के लिए हमे अलग अलग डॉयमण्ड का प्रयोग करना पड़ता है । वीडियो के माध्यम से समझने के लिए यहाँ क्लिक करे ।
वाटर जेट से कमाई :-
कुछ लोग बिना कुछ सोचे समझे वाटर जेट कटर मशीन लगा लेते है जिसकी कॉस्ट काम से काम 17 लाख से शुरू होती है लेकिन जब वो इसे चलते है तो इसकी रनिंग कॉस्ट इतनी जयदा होती है की उनको इसके मुताबिक कोई काम नहीं मिलता और फिर उन्हें इसे बंद करना पड़ता है । जिससे उनको काफी नुकसान होता है क्युकी आप ऊपर पढ़ ही चुके है की वाटर जेट की रुनिग कॉस्ट बोहत अधिक होती है । क्युकी इसमें जल्दी जल्दी नोज़ल खराब होना सैंड का अधिक लगना हयड्रोलिक आयल तथा इलेक्ट्रिसिटी शामिल है । जिससे इसके अकॉर्डिंग हमें काम नहीं मिल पता । इसी लिए जब भी आप वाटर जेट लगाने की सोचे तो मार्किट सर्वे करे और अपने लिए अच्छे मार्जिन वाला काम देखे फिर मशीन लगाने की सोचे।
cunclusion:-
जैसा की आप ऊपर पढ़ चुके है की वाटर जेट मशीन का काम करने का तरीका बोहत सरल होता है । जो की पानी में मिक्स हुआ रेत जब हाई प्रेशर के साथ किसी भी चीज से टकराता है । तो उसे ग्राइंड करता है । और ऊपर लगे रेगुलेटर से इसका प्रेशर बढ़ाया जाये तो ये मटीरियल की कटाई करना शुरू कर देता है । और नोज़ल और वर्कपीस से बीच का डिस्टेंस मात्र एक से डेढ़ मिलीमीटर तक होता है । जिससे प्रेशर लॉस नहीं होता । और हमें अच्छा रिसल्ट देखने को मिलता है ।
FAQ :-
Q.3 :- क्या वॉटरजेट स्टील को काट सकता है?
जी है वाटर जेट से हम वैसे तो हर चीज काट सके है लेकिन हमारे पास उससे जयदा हार्ड नोज़ल होनी चाहिए । जैसे डॉयमण्ड , कार्बाइड । etc . और हम इससे रबर , प्लास्टिक , लकड़ी , लोहा , ताम्बा , पीतल , एलुमिनियम , फोम आधी को काट सकते है ।
Q.2 :- वाटर जेट का उपयोग किसके लिए होता है?
मुख्ता वाटर जेट का प्रयोग मार्बल और पथर को काटने के लिए इसका प्रयोग किया जाता था लेकिन जब से cnc टेक्नोलॉजी आयी है तब से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में भी इसका प्रयोग होना शुरू हो गया है .
Q.3 :- वाटर जेट कटर मशीन की इंडिया में कितनी कॉस्ट है?
अमूमन देखा जाये तो ये 12 लाख से 1 करोड़ तक हो सकता है ।